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भारतीय अनलाइनले लेख्यो, ‘मधेसीहरुले हतियार उठाउँदै, ९ स्थानमा ट्रेनिङ क्याम्प !’


काठमाडौं, १५ मंसिर । भारतीय अनलाइन जागरण डटकमले नेपालका मधेसीहरु सशस्त्र संघर्षको तयारीमा रहेको खबर
प्रकाशित गरेको छ । भारतीय गुप्तचर निकायहरुको हवाला दिँदै उसले नेपालका मधेसीहरु हतियार उठाउने तयारीमा
रहेको लेखेको हो ।साथै उसले नेपाली माओवादीले मधेसीहरुलाई हतियार चलाउने तालिम दिईरहेको लेखेको छ ।
माओवादीले ट्रेनिङ दिएको कुरा प्रपोगाण्डामात्रै
माओवादीले मधेसीहरुलाई हतियार चलाउने तालिम दिइरहेको दावी उसले गरेपनि त्यो केवल प्रपोगाण्डामात्रै हो । १०
वर्षे जनयुद्ध गरेको माओवादी अहिले विभिन्न चिरामा विभाजित छ । त्यसमध्ये माउ पार्टी एमाओवादी सरकारमा छ
। दोस्रो चिराको रुपमा रहेको मोहन वैद्य नेतृत्वको क्रान्तिकारी माओवादी एमाओवादीसँगै एकताको तयारीमा
छन् । संगठनात्मकरुपमा ऊ निकै कमजोर बनिसकेको छ । हालै माओवादीबाट बाहिरिएका डा. बाबुराम भट्टराई नयाँ
शक्ति निर्माणको तयारीमा छन्, उनको हतियारप्रति कत्ति पनि मोह देखिँदैन ।
बाँकी रह्यो नेत्रविक्रम चन्द नेतृत्वको नेकपा माओवादी । विप्लव माओवादीले हतियार उठाउने चेतावनी बेला वखत
दिए पनि उसले हतियार चलाउने तयारी भने थालिसकेको छैन । भारतको हस्तक्षेप र नाकाबन्दीको विरोधमा नेपाल
बन्द गर्ने विप्लवको पार्टीले मधेसीलाई हतियारको प्रशिक्षण दिएको भन्ने कुरा कत्ति पनि विश्वास गर्न सकिँदैन ।
फोटो पनि गलत:
समाचारमा हतियारको ट्रेनिङ चलिरहेको र स्कूले विद्यार्थीहरुसमेत सहभागी रहेको भनेर प्रयोग गरिएको फोटो नै गलत
छ । जागरणले प्रयोग गरेको फोटो टीकापुरको हो । टीकापुरमा थारुहरुको आन्दोलनका क्रममा नेपाल प्रहरीका
एसएसपीसहित प्रहरी जवानहरुको हत्या भएपछि शंकास्पद् व्यक्तिहरुलाई प्रहरीले पक्राउ गर्दैगर्दाको तस्वीर उसले
हतियार ट्रेनिङको भनेर राखेको छ ।
नकार्न नसकिने पक्ष:
सो समाचारमा प्रस्तुत गरिएका केही तथ्य सतप्रतिशत झुट भएपनि हतियार चलाउने तयारी भइरहेको कुरालाई भने नकार्न
सकिने अवस्था छैन । सीके राउत लगायतको पक्षले स्वतन्त्र मधेसको आन्दोलनको तयारी गरिरहेको छ । साथै पूराना
भूमिगत सशस्त्र समूहहरु पनि अझै यदाकदा अस्तित्वमा छन् । यी सबैको स्वार्थ मिल्दा फेरि मधेस अशान्त हुनसक्ने
सम्भावनालाई भने नकार्न सकिँदैन । त्यसतर्फ सरकार बेलैमा चनाखो हुनुपर्छ ।

यस्तो छ जागरणमा छापिएको समाचार !

पड़ोसी देश नेपाल से तल्ख होते संबंधों के बीच मधेशियों द्वारा हथियारबंद आंदोलन की तैयारी की खबरों ने भारतीय
खुफिया एजेंसियों की नींद हराम कर दी है। खुफिया एजेंसियों ने केंद्रीय गृह व विदेश मंत्रालय को सूचित किया है कि
बिहार व उत्तर प्रदेश से लगी नेपाल के सीमाई इलाकों में नेपाली माओवादी मधेशियों को अत्याधुनिक हथियार चलाने
का प्रशिक्षण दे रहे हैं।
खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि नेपाल के कई सीमाई जिलों में इस तरह के कुल नौ ट्रेनिंग कैंपों का संचालन
किया जा रहा है। इसमें सबसे बड़ी चिंता की बात तो यह है कि इन ट्रेनिंग कैंपों में मधेशियों के स्कूली बच्चों को भी
शामिल किया गया है। उल्लेखनीय है कि रविवार को ही नेपाल में तस्करों का पीछा करने के दौरान एसएसबी के 13
जवान भारत से नेपाल के सीमा क्षेत्र में प्रवेश कर गए थे, जिसे नेपाली पुलिस ने करीब छह घंटे तक बंधक बनाए रखा।
बाद में इन जवानों को विदेश व गृह मंत्रालय की पहल पर रिहा किया गया। यह घटना नेपाल के सीमाई जिला झापा
की है। खुफिया सूत्रों ने बताया कि नेपाल में फिलहाल माओवादियों के पास अत्याधुनिक हथियारों की भारी
कमी है।
ऐसे में वे अपने प्रशिक्षण में मधेशियों को पारंपरिक हथियारों का ही प्रशिक्षण दे रहे हैं। खुफिया एजेंसियों ने अपनी
रिपोर्ट में यह भी कहा है कि अगर मधेशियों और नेपाली माओवादियों के बीच शुरू हुई इस सांठगांठ के खेल पर तत्काल
नियंत्रण नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में मधेशियों का आंदोलन गलत राह पकड़ सकता है।
इसका लाभ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय भारत विरोधी ताकतें उठा सकती हैं। बता दें कि विगत सितंबर माह में नेपाल में
नए संविधान को लागू किया गया है। इस संविधान को लेकर मधेशियों (भारतीय मूल के नेपाली नागरिकों) में भारी
असंतोष है।
उनका कहना है कि वे पूर्ण रूप से नेपाली नागरिक हैं और उन्हें नए संविधान में वे अधिकार नहीं दिए गए हैं जो नेपाल के मूल
नागरिकों को हासिल हैं। इसी के विरोध में मधेशियों ने नेपाल में आर्थिक नाकेबंदी का एलान कर रखा है और भारत से
नेपाल जाने वाली सभी जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति पर उन्होंने रोक लगा रखी है। भारतीय सीमा क्षेत्र में ही हजारों
ट्रकों को रोक रखा गया है। इनमें पेट्रोलियम से लेकर रोजमर्रे के इस्तेमाल में आने वाली दवाएं और कई जरूरी वस्तुएं शामिल
हैं।

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